रात को सोते समय कर लें सिर्फ एक काम, वैज्ञानिकों ने निकाला नायाब तरीका

 How to Sharp Your Memory: इंसान अपनी बुद्धि की बदौलत ही सभी जीवों में सर्वश्रेष्ठ है. हालांकि बुद्धि की संरचना हर इंसान में अलग-अलग होती है. कुछ लोगों की याददाश्त बहुत तेज होती है जबकि कुछ लोगों की मेमोरी उतनी शार्प नहीं होती है. कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी मेमोरी शुरुआत में तो ठीक रहती है लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह घटती चली जाती है. लेकिन अब उन्हें भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नायाब तरीका ढूंढ निकाला है जिसकी बदौलत मेमोरी पावर को रातो-रात बूस्ट किया जा सकता है. एक नए अध्ययन में पाया गया कि रात में सोते समय अगर खुशबूदार डिफ्यूजर को लगा दिया जाए तो उम्र के साथ घटने वाली मेमोरी में जबर्दस्त सुधार हो सकती है.

 

डिमेंशिया मरीजों में भी सुधार

ग्लोबल डायबेट्स कम्युनिटी की वेबसाइट के मुताबिक जब इस संबंध में प्रयोग किया गया और इसके लिए रात में खुशबूदार नेचुरल ऑयल डिफ्यूजर को सिर्फ दो घंटे के लिए लगा दिया गया तो संज्ञानात्मक प्रदर्शन में 226 प्रतिशत का हैरान कर देने वाला सुधार देखा गया. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया की शोधकर्ता इरविन ने बताया कि इस तकनीकी में मेमोरी और सुगंध के बीच लिंक का उपयोग किया जाता है. इससे मेमोरी पावर में जबर्दस्त सुधार देखने को मिलता है और इससे डिमेंशिया के खतरे को भी कम किया जाता है. जिन लोगों को डिमेंशिया या याददाश्त से जुड़ी बीमारियां हैं, उन्हें भी यह सुगंधित डिफ्यूजर फायदा पहुंचा सकता है.

न्यूरोबायलॉजी और विहेवियर साइंस के प्रोफेसर माइकल लियोन ने बताया कि वास्तविकता यह है कि 60 साल की उम्र के बाद दिमाग के ओल्फेक्टरी सेंस और संज्ञानात्मक बोध में कमी आने लगती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई व्यक्ति कभी भी सुगंधित ड्यूडरेंट सूंघ लें और उसकी मेमोरी पावर बढ़ जाए. उन्होंने कहा कि ओल्फेक्टरी सेंस से मेमोरी सर्किट जुड़ा होता है. यहीं से याददाश्त स्टोर होता है.

 

 

60 साल से ज्यादा उम्र पर भी असरदार

प्रो. माइकल यासा ने बताया कि बहुत पहले से लोगों को यह पता है कि खुशबू किस तरह से दिलो-दिमाग को तरोताजा कर देता है. इसलिए पहले से ही याददाश्त को ताजा करने के लिए सुगंधित इत्र का इस्तेमाल किया जाता रहा है. इस अध्ययन में 60 से 85 साल के लोगों को शामिल किया गया था. इन लोगों को डिफ्यूजर के साथ-साथ 7 तरह के खुशबूदार नेचुरल ऑयल दिए गए थे. इन्हें रात में सोते समय दो घंटे के लिए लगाने को कहा गया था. कुछ दिनों के बाद इन लोगों की याददाश्त से संबंधित परीक्षाएं ली गई तो इनका प्रदर्शन शानदार रहा. जब इन लोगों का ब्रेन स्कैन किया गया तो इसमें भी ओल्फेक्टरी सेंस का बेहतर रिजल्ट देखने को मिला.