दशहरा 2025: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व



दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख त्योहार है। यह पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। रामायण के अनुसार इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।

यह पर्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।


दशहरा क्यों मनाया जाता है?

  • भगवान श्रीराम द्वारा रावण का वध

  • असत्य और अधर्म पर सत्य और धर्म की विजय

  • नवरात्रि के समापन का दिन

  • महिषासुर पर माँ दुर्गा की विजय का प्रतीक


दशहरा पर्व के महत्व

  • धार्मिक महत्व: भगवान राम और माँ दुर्गा की पूजा

  • सांस्कृतिक महत्व: रामलीला और रावण दहन का आयोजन

  • सामाजिक महत्व: समाज में बुराइयों को त्यागने का संदेश

  • आध्यात्मिक महत्व: जीवन में सकारात्मक सोच और सदाचार अपनाना


दशहरा उत्सव की खास बातें

  • जगह-जगह रामलीला का मंचन

  • शाम को रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन

  • शस्त्र पूजन और नए कार्यों की शुरुआत

  • परिवार और समाज में एकता का संदेश


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दशहरा मनाने के फायदे (आध्यात्मिक दृष्टि से)

  • नकारात्मकता दूर होती है

  • आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है

  • धर्म और सत्य की शक्ति पर विश्वास मजबूत होता है

  • समाज में एकजुटता और भाईचारा बढ़ता है


दशहरा पर क्या करें – क्या न करें?

✔ माता-पिता और बड़ों का आशीर्वाद लें
✔ शस्त्र, वाहन और घर की पूजा करें
✔ रावण दहन देखने जाएँ
❌ नशे और झगड़ों से बचें
❌ अपशब्द या नकारात्मक बातें न करें


निष्कर्ष

दशहरा केवल एक त्योहार नहीं बल्कि यह जीवन में अच्छाई अपनाने और बुराई को त्यागने की सीख देता है। इस विजयादशमी पर हम सबको अपने भीतर की बुराइयों जैसे क्रोध, लोभ और अहंकार को जलाकर अच्छे गुणों को अपनाना चाहिए।