बारिश की 10 सावधानियां, जानना है जरूरी
बारिश जहां सारी धरा को खूबसूरत बनाती है वहीं कई बीमारियों को आमंत्रित भी करती है। इन्हीं दिनों मच्छर का प्रकोप बढ़ता है और लोग मलेरिया के शिकार हो जाते हैं। यदि मच्छरजनित इस बीमारी से बचना हो तो सावधानी और घरेलू उपाय करें। मसलन इन्हें घर के आसपास पनपने न दें। इसके लिए कुछ बातों पर जरूर गौर करें।
1 घर के चारों ओर पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें, रुकी हुई नालियों को साफ करें।
2 अगर पानी जमा होने से रोकना संभव नहीं है तो उसमें पेट्रोल या केरोसिन ऑयल डालें।
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3 रूम कूलरों, फूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें, उन्हें सुखाए और फिर भरें। घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें। अगर रखें तो उल्टा करके रखें।
4 डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें।
5 अगर मुमकिन हो तो खिड़कियों और दरवाजों पर महीन जाली लगवाकर मच्छरों को घर में आने से रोकें।
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6 मच्छरों को भगाने और मारने के लिए मच्छरनाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि का प्रयोग करें। गुग्गल के धुएं से मच्छर भगाना अच्छा देसी उपाय है।
7 घर के अंदर सभी जगहों में हफ्ते में एक बार मच्छर-नाशक दवाई का छिड़काव जरूर करें। यह दवाई फोटो-फ्रेम्स, पर्दों, केलेंडरों आदि के पीछे और घर के स्टोर रूम और सभी कोनों में जरूर छिड़कें।
8 दवाई छिड़कते समय अपने मुंह और नाक पर कोई कपड़ा जरूर बांधें। साथ ही, खाने-पीने की सभी चीजों को ढंककर रखें।
9 पीने के पानी में क्लोरीन की गोली मिलाएं और पानी को उबालकर पीएं। साल से कम उम्र के बच्चे, 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं सावधानी से रहें।
10 ऐसे कपड़े पहनें, जिससे शरीर का ज्यादा-से-ज्यादा हिस्सा ढंका रहे। खासकर बच्चों के लिए यह सावधानी बहुत जरूरी है।
बारिश में कैसे बचें इंफेक्शन से, 8 सावधानियां
बारिश का सीजन आते ही मौसम सुहाना हो जाता है लेकिन यह मौसम अन्य मौसम के मुकाबले कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। जी हां, बारिश के मौसम में इंफेक्शन का खतरा भी रहता है, वो किसी भी तरह से हो सकता है ऐसे में जितनी अधिक सावधानियां बरती जाएगी उतना अच्छा होगा।
आइए जानते हैं बारिश के मौसम में किस तरह से सावधानियां बरतें -
1.बारिश में कभी भी गिले बालों को नहीं बांधे। इससे आपको को सिर में इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। जैसे- खुजली होना, रेशैज होना, फुंसी होना आदि।
2.बारिश में भीग जाने पर या कपड़े नहीं सुखे हैं तो हल्के-गिले कपड़ें भी नहीं पहने। इससे आपको त्वचा से संबंधित परेशानियां हो सकती है। फंगल इंफेक्शन भी हो सकता है।
3.अपने हाथों के नाखूनों को नहीं बढ़ाएं। जी हां, नाखूनों में मैल जाम हो जाता है और वह सीधे आपके पेट में जाता है। ऐसे में कुछ भी हो सकता है। समय से नाखून जरूर काट लें।
4.जूतों को पूरी तरह से सुखाकर ही पहनें। जी हां, ऑफिस जाने में जब देर होने लगती है तो हम हल्के गीले शूज या मौजे पहन लेते हैं लेकिन ऐसा करना किसी खतरे से कम नहीं हैं।
5.कोशिश करें बारिश के मौसम में बाहर का कुछ भी नहीं खाएं। क्योंकि दूषित खाना, स्ट्रीट फूड खाने से फूड पॉइजनिंग का खतरा होता है।
6.अक्सर जल्दी-जल्दी में गिले कपड़े ही पहन लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं करें। आपको इफेक्शन की वजह से खुजली की समस्या भी हो सकती है।
7.बरसात के मौसम में सलाद करने के बाद कुछ देर में उसे खा लेना चाहिए। हालांकि बरसात में कच्ची सब्जियां खाने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि बरसात में पेट की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है।
8.दूषित पानी पीने से दस्त लगने लग जाती है। अगर ऐसा होता है तो पानी को उबाल कर ठंडा करके पीएं।
Monsoon hair care : बारिश में ज्यादा झड़ते हैं बाल, तो ये 7 टिप्स आएंगे आपके काम
मानसून में अक्सर बारिश के पानी में भीग जाने से चहरे के साथ-साथ बालों की भी कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इस मौसम में बाल ज्यादा टूटने और झड़ने लगते है। ज्यादा देर तक स्कैल्प का गीला रहना बालों की अनेक समस्याओं को जन्म देता है।
आइए जानें कुछ हेयर केयर टिप्स जिन्हें आजमा कर आप इस मौसम में भी अपने बालों को हेल्दी रख सकती हैं।
1. अगर आपके बाल बारिश के पानी में अक्सर गीले हो जाते है तो आपको उन्हें शैंपू से जरूर धोना चाहिए, नहीं तो बारिश के पानी से पैदा हुई नमी फंगस का रूप ले लेगी और खुजली के साथ अन्य समस्याएं भी होंगी।
2. गीले बालों को बड़े दांत वाले कंघे से सुलझाएं, इससे बाल आसानी से सुलझ भी जाएंगे और टूटेंगे भी नहीं।
3. गीले बालों को पहले सूखने दें फिर ही बांधें। अगर बालों को पूरी तरह से सुखाए बिना बांधेंगे, तो उनमें बदबू तो आएगी ही, जुएं होने की संभावना भी बढ़ जाएगी और क्वालिटी भी खराब होगी।
4. बाल धोने के बाद कंडिशनर जरूर लगाएं, ताकि बाल बेतरतीब न रहें और आसानी से सुलझ सकें। इस मौसम में बालों में रूखापन आ जाता है और बाल अधिक टूटते हैं, जिससे बचने के लिए कंडिशनर एक बढ़िया तरीका है।
5. हफ्ते में कम से कम एक बार तेल जरूर लगाएं, ताकि बालों को पोषण मिल सके और रूखापन भी दूर हो। इससे बाल बेजान भी नहीं होंगे और उनमें चमक बनी रहेगी।
6. अपना कंघा किसी और के साथ शेयर ना करें। अगर आपके बाल बड़े हैं तो बारिश के मौसम में आप शॉर्ट हेयर रख सकतीं हैं। इससे आपको नया लुक भी मिलेगा और बालों की देखभाल भी अच्छे से हो जाएगी।
7. इन सभी के साथ आप अपने आहार पर भी ध्यान दें। खाने का असर हमारे शरीर के हर हिस्से पर पड़ता है तो बालों पर भी पड़ेगा, इसलिए अपनी डाईट नियमित रखें, बाहर का कम खाएं और फास्ट फूड को खाने से बचें। अपने भोजन में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें। जैसे- अंडा, गाजर, दालें, हरी सब्जियां, डेयरी प्रोडक्ट्स आदि।
बरसाती बुखार के 5 कारण, 6 लक्षण और 7 जरूरी सावधानियां
Health Care
बारिश का मौसम भले ही सुहाना लगता है, लेकिन बीमारियों के संक्रमण के लिए यही मौसम सबसे माकूल होता है। इस मौसम में सर्दी, जुखाम और बुखार सबसे ज्यादा फैलने वाले रोग हैं। आइए जानते हैं कैसे बचें इस बरसाती बुखार से-
बरसात में बीमारियों से बचने के लिए सबसे पहले इसके कारणों को जानना बेहद जरूरी है। पहले जानते हैं, इस मौसम में बीमारी फैलाने वाले कारणों को -
1 जगह-जगह पानी का भरना और उसमें मच्छरों का पनपना, जो डेंगू और मलेरिया फैलाने में सहायक होते हैं।
2 विषैले जीव जंतुओं, कीट, मच्छर व मक्खियों व्दारा भोज्य पदार्थों और पानी का संक्रमित होना।
3 हवा की गंदगी से संक्रमण फैलना।
4 पित्त का दूषित होना, क्योंकि पित्त से होने वाले रोगों में बुखार सबसे प्रधान होता है।
5 तेज धूप में घूमना और बारिश में ज्यादा भीगना।
अब जानते हैं, इनसे पैदा होने वाले बुखार के लक्षण-
1 सिर व बदन में दर्द होना,
2 पेशाब का रंग लाल होना,
3 बेचैनी महसूस होना,
4 प्यास अधिक लगना,
5 मुंह का स्वाद कड़वा होना, जी मचलाना
6 अमवात या संधिवात के कारण कई बार जोड़ों में दर्द भी हो सकता है।
बुखार होने पर रखें यह सावधानियां-
1 बुखार होने पर रोगी को हवादार कमरे में लेटना चाहिए और जितना हो सके आराम करना चाहिए।
2 बुखार में हल्का और सुपाच्य भोजन करना चाहिए।
3 शरीर से अधिक मेहनत न कराएं।
4 दूध, चाय, मौसंबी का रस ले सकते हैं, तेल-मसालेदार चीजों से दूरी बनाए रखें।
5 यह सभी लक्षण सामने आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं अथवा घरेलू, आयुर्वेदिक उपचार अवश्य करें।
6 पानी को पहले उबाल कर थोड़ा गुनगुना ही पिएं।
7 मौसम में बदलाव के समय उचित आहार-विहार का पालन करें।
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Monsoon Tips : बारिश के मौसम में घर को रखें कीड़ेमुक्त, जानिए खास टिप्स
घर में कीड़े होने का सबसे बड़ा कारण होता है घर की ठीक तरीके से सफाई न होना। ऐसे में कीड़े-मकोड़े कई बीमारियों को दावत भी देते हैं। बारिश का मौसम जहां प्रकृति की खूबसूरती को दर्शाता, वहीं इस मौसम में घर में कीड़े-मकोड़ों की एंट्री भी होना शुरू होती है। कीड़े जैसे चींटी, कॉकरोच, मक्खी, छिपकली आदि। इस वजह से ये कई बीमारियों का कारण भी बनते हैं।
आखिर कैसे बरसात के मौसम में घर को कीड़ों से दूर रखा जा सकता है, आइए जानें कुछ खास टिप्स।
1. सबसे पहले घर की ठीक तरीके से सफाई करें। यदि आप रोज ऐसा करते हैं, तो कीड़ों का होना कई हद तक कम हो जाएगा।
2. घर में मक्खी और चींटियों से बचने के लिए रोज फर्श पर फिनाइल और फिटकरी का पावडर मिलाकर नियमित पोंछा लगाने से धीरे-धीरे ये घर से गायब होना शुरू हो जाएंगे।
3. आपने अधिकतर सुना होगा कि मोरपंख यदि घर में लगा है तो इससे कीड़े-मकोड़ों का आगमन कम हो जाता है। यह बात बिलकुल ठीक है। यदि आप इनसे मुक्ति पाना चाहते हैं तो घर में मोरपंख लगाएं। आप इसे घर के अंदर भी लगाएं और अपने एंट्री गेट पर भी लगाएं।
4. यदि आप घर में छिपकली से परेशान हैं तो अंडे के छिल्के को दीवार पर फंसाकर रख दें। इसे इस तरह लगाएं कि ये गिरे नहीं। इसे दीवार से चिपका दें। कुछ समय में ही छिपकली कम होने लगेगी।
5. किचन में मक्खी-मच्छर भगाने के लिए 1 चम्मच कॉफी पावडर को तवे पर जलाकर धूनी दें। डाइनिंग टेबल से मक्खियों को दूर करने के लिए मेज के बीचोबीच पुदीने की पत्तियों का ताजा गुच्छा रखें।
6. घर के बीच-बीच में कपूर का धुआं दें। इससे घर में खूशबू तो बने रहेगी ही, साथ ही मक्खी-मच्छर भी कम होंगे।
7. कीड़े-मकोड़ों को दूर भगाने के लिए कुछ उपयुक्त पौधे हैं, जैसे तुलसी, पुदीना व अजवाइन का पौधा अवश्य लगाएं। इससे घर में कीड़े-मकोड़े नहीं होंगे।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है पुदीना, पढ़ें 15 फायदे
Peppermint Benefits
पुदीना, पेपरमिंट या पिपरमिंट का महत्व आयुर्वेद में बताया गया है। सेहत संबंधी कोई भी परेशानी हो पुदीना से घरेलू नुस्खों के जरिए उन्हें ठीक किया जा सकता है। पुदीना का प्रयोग स्वाद और औषधीय गुणों के लिए कभी भी किया जा सकता है। पिपरमेंट सूखी खांसी में बहुत फायदा करता है क्योंकि इसका मेंथोल कम्पाउंड गले को राहत देता है। इसके साथ ही यह गले की जलन हो या दर्द दोनों को कम करने में मदद करता है। अगर सिर्फ दिन में 2 से 3 बार पिपरमेंट का सेवन किया जाए तो खांसी की समस्या दूर होने लगती है।
पुदीना में एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सक्षम हैं। पुदीने में कई सारे पोषक तत्व भी होते हैं। जैसे- मेंथोल, आयरन, वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मैंगनीज, विटामिन सी, विटामिन-ए, राइबोफ्लेविन और कॉपर आदि पोषक तत्व होते हैं। कोरोना संक्रमण के बीच लोगों को पुदीना को भी अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए, क्योंकि यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी सहायक है। कोरोना से अपनी सुरक्षा के लिए लोगों को नियमित रूप से पुदीने का सेवन करना चाहिए।
आइए जानते हैं पुदीना के 15 फायदे
1 पुदीने के ताजे पत्तों को मसलकर मूर्छित व्यक्ति को सुंघाने से मूर्छा दूर होती है।
2 आंत्र कृमि में पुदीने का रस दें। अजीर्ण होने पर पुदीने का रस पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
3 पेटदर्द और अरुचि में 3 ग्राम पुदीने के रस में जीरा, हींग, कालीमिर्च, कुछ नमक डालकर गर्म करके पीने से लाभ होता है।
4 प्रसव के समय पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसानी से हो जाता है।
5 बिच्छू या बर्रे के दंश स्थान पर पुदीने का अर्क लगाने से यह विष को खींच लेता है और दर्द को भी शांत करता है।
6 10 ग्राम पुदीना व 20 ग्राम गुड़ को 200 ग्राम पानी में उबालकर पिलाने से बार-बार उछलने वाली पित्ती ठीक हो जाती है।
7 पेट की गर्मी को कम करने के लिए पुदीने का प्रयोग बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा यह पेट से संबंधित अन्य समस्याओं से भी जल्द निजात दिलाने में लाभकारी है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
8 दिनभर बाहर रहने वाले लोगों को पैर के तलवों जलन की शिकायत रहती है, ऐसे में उन्हें फ्रिज में रखे हुए पुदीने को पीसकर तलवों पर लगाना चाहिए ताकि तुरंत राहत मिल सके। इससे पैरों की गर्मी भी कम होगी।
9 सूखा या गीला पुदीना छाछ, दही, कच्चे आम के पने के साथ मिलाकर पीने पर पेट में होने वाली जलन दूर होगी और ठंडक मिलती है। गर्म हवाओं और लू से भी बचाव होता है।
10 अगर आपको अक्सर टॉंसिल्स की शिकायत रहती है और इसमें होने वाली सूजन से भी आप परेशान हैं तो पुदीने के रस में सादा पानी मिलाकर इस पानी से गरारे करना आपके लिए फायदेमंद होगा।
11 गर्मी में पुदीने की चटनी का रोजाना सेवन सेहत से जुड़े कई फायदे देता है। पुदीना, काली मिर्च, हींग, सेंधा नमक, मुनक्का, जीरा, छुहारा सबको मिलाकर चटनी पीस लें। यह चटनी पेट के कई रोगों से बचाव करती है व खाने में भी स्वादिष्ट होती है। भूख न लगने या खाने से अरुचि होने पर भी यह चटनी भूख को खोलती है।
12 पुदीने व अदरक का रस थोड़े से शहद में मिलाकर चाटने से खांसी ठीक हो जाती है। वहीं अगर आप लगातार हिचकी आने से परेशान हैं तो पुदीने में चीनी मिलाकर धीरे-धीरे चबाएं। कुछ ही देर में आप हिचकी से निजात पा लेंगे।
13 पुदीने की पत्तियों का लेप करने से कई प्रकार के चर्म रोगों को खत्म किया जा सकता है। घाव भरने के लिए भी यह उत्तम है। इसके अलावा इसका लेप चेहरे पर लगाने से त्वचा की गर्मी समाप्त होगी और आप ताजगी का अनुभव करेंगे।
14 पुदीने का नियमित रूप से सेवन आपको पीलिया से बचाने में सक्षम है। वहीं मूत्र संबंधी रोगों के लिए भी पुदीने का प्रयोग बेहद लाभदायक है।
15 पीपरमेंट टी (पुदीने का अर्क) : अगर आपको पीपरमेंट चाय पसंद है तो आप इसे ग्रीन टी के बदले कभी-कभी बदलकर पी सकते हैं। दोनों ही चाय पाचन को सुधारने में बहुत फायदेमंद है। पीपरमेंट के पत्तों का इस्तेमाल इस चाय को बनाने में किया जाता है। इसे गर्म या ठंडा पिया जा सकता है।
कैसे बनाएं पीपरमेंट टी- इसे बनाने के लिए एक चम्मच ताजा या सूखी हुई पत्ती को उबलते हुए पानी में डाल दीजिए। इन्हें पानी में 4 से 5 मिनट के लिए रहने दीजिए और फिर छानकर चाहें तो शहद मिलाकर पीजिए।
Health Tips : बारिश के मौसम में जरूर खाएं ये 5 फल, जानिए कितने हैं फायदेमंद
हर साल अलग-अलग मौसम में भिन्न-भिन्न मौसमी फल आते हैं। जिनका सेवन जरूर करना चाहिए। साथ ही डॉक्टर भी मौसमी फल खाने की ज्यादा सलाह देते हैं। जिससे आपकी सेहत को भी किसी तरह का नुकसान नहीं होगा और चुस्ती भी बने रहेगी। वहीं अब बारिश ने भी दस्तक दे दी है। अलग-अलग क्षेत्रों में बरसात होती रहती है। लेकिन मौसमी फल की बात कुछ और होती है।
तो आइए जानते हैं, बारिश के मौसम में ये 5 फल जरूर खाना चाहिए।
1. लीची में पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है। और वह बारिश के मौसम में ही ज्यादा उपलब्ध होती है। इसके सेवन से पाचन शक्ति अच्छी होती है। ब्लड का रोटेशन अच्छा होता है।
2. अनार शरीर में खून बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है। इसे खाने से पाचन शक्ति भी अच्छी होती है। कब्ज की समस्या में बहुत जल्दी राहत मिलती है।
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3. आलूबुखारा बारिश के मौसम में जरूर खाना चाहिए। इसमें पानी की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही फाइबर और मिनरल्स की मात्रा होती है। इसके सेवन से वजन भी कम होता है।
4. जामुन का सेवन बारिश के मौसम में जरूर करना चाहिए। इसके सेवन से यूरिक एसिड की मात्रा कम होती है। और अन्य इंफेक्शन का खतरा भी टल जाता है।
5. आडू में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन मौजूद होते है। इसके सेवन से शरीर में मौजूद बेड टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं। साथ ही स्किन को ग्लो करने लगती है।
लहसुन अदरक हैं बेस्ट एंटीबायोटिक, जानिए सेवन का सही तरीका
Garlic n Ginger Benefits
किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बहुत जरूरी है। इस बात से हम सभी वाकिफ हैं और इसे मजबूत करने के लिए अपनी डाइट में पौष्टिक आहार व सही दिनचर्या का पालन करना भी जरूरी है। साथ ही ऐसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने की आवश्यकता है, जो हमें अंदर से मजबूत बनाए। हमारी रसोई में वे सारी औषधियां मौजूद हैं जिनके गुणों से हम अभी भी अनजान हैं।
जी हां, आप अदरक-लहसुन का इस्तेमाल खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए जरूर करते होंगे, लेकिन क्या आप इसके सेहत लाभ के बारे में जानते हैं? लहसुन-अदरक के सेवन से आप निरोगी काया पा सकते हैं। लेकिन इसी के साथ इसका सेवन कैसे करना है, इस बारे में भी हमें पता होना आवश्यक है। अधिकतर लोग यह सोचते हैं कि केवल खाने में ही अदरक-लहसुन का सेवन काफी है लेकिन इसके अलावा भी आपको इनका सेवन करना चाहिए, क्योंकि खाने के पकने के दौरान इनके गुण कम हो जाते हैं। आइए जानते हैं इस लेख में लहसुन-अदरक के फायदों व सेवन करने के सही तरीके के बारे में।
इम्यून सिस्टम को कैसे करें मजबूत?
इम्यून को मजबूत करने के लिए लहसुन का इस्तेमाल करें। इसे खाने में पका के खाने की बजाय इसके छोटे-छोटे टुकड़े कर लें। कुछ देर इन्हें हवा लगने दें। लहसुन में एंटीमाइक्रोबियल तत्व पाया जाता है। ये तत्व वायरस, बैक्टीरिया व फंगस के खिलाफ काम करते हैं। लहसुन खाने से एंटीवायरस प्रोटेक्शन भी मिलता है।
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लहसुन कैसे खाएं-
* इसके छोटे-छोटे टुकड़े कर लें। इसे आप खाना खाने के बाद पानी के साथ ले सकते हैं।
* लहसुन को चबा-चबाकर खाने की बजाए इसे पानी के साथ सीधा निगल लें। इस तरह से लहसुन का सेवन करने से यह ज्यादा फायदेमंद होता है।
* लहसुन को 25 से 30 दिन नियमित खाने के बाद आपके अंदर से लहसुन की खूशबू आना शुरू हो जाएगी तब आप समझ जाएं कि इससे अधिक आपको लहसुन का सेवन नहीं करना है।
* लहसुन कई लोगों को हजम नहीं होता है। इसके लिए आप इसका सेवन एकसाथ न करें व धीरे-धीरे इसकी आदत डालें।
* शुरुआत के समय आप लहसुन के एकदम छोटे से हिस्सा का सेवन करें, फिर इसी तरह धीरे-धीर इसे बढ़ाएं। जब आप लहसुन ले रहे हैं तो इसके साथ दही का सेवन भी करें।
अदरक-
अदरक औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके सेवन से आप अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत रख सकते हैं। इसका नियमित सेवन आपको कई स्वास्थ्य लाभ देगा।
अदरक को कैसे खाएं?
* अदरक को बिलकुल बारीक पीस लें व कद्दूकस करें। आपको अदरक 1 चम्मच लेना है। इसमें 6 गिलास पानी डालें। अब इसे उबलने दें। जब यह पानी 3 गिलास हो जाए तो इसे 1 कप में निकाल लें।
* इसे आप गुड़ या शहद के साथ भी ले सकते हैं। दिनभर में एक बार इसका सेवन करें।
बारिश के मौसम में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?- Barish Ke Mausam Me Kya Khana Chahiye Aur Kya Nahi
(शिक्षा- एमए इन मास कम्युनिकेशन)
बारिश के मौसम में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?- Barish Ke Mausam Me Kya Khana Chahiye Aur Kya Nahi
तेज गर्मी के बाद बारिश का मौसम किसे पसंद नहीं होता। कई लोग घर बैठकर सुहाने मौसम में चाय के साथ समोसे या पकोड़े खाना पसंद करते हैं। हालांकि, लोगों को बारिश के मौसम में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इसका ख्याल रखना जरूरी है। दरअसल, मौसम में अचानक बदलाव बैक्टीरिया, वायरस के कारण बुखार, सर्दी, खांसी, दस्त, निमोनिया आदि जैसे रोगों का कारण बन सकता है (1)। इसके साथ ही गंदे पानी के जमाव से भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं जैसे – कोलेरा, टाइफाइड बुखार, मलेरिया, डेंगू हो सकता है (2)। ऐसे में इनसे बचाव के लिए बारिश के मौसम में क्या नहीं खाना चाहिए, इस बात की जानकारी भी जरूरी है। तो स्टाइलक्रेज के इस खास लेख में पढ़ें बारिश के मौसम में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इसकी संपूर्ण जानकारी।
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