शिव जी को नारियल क्यों नहीं चढ़ाया जाता?

सावन में लोग भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करते हैं। शिवलिंग पर पूजा करते समय लोग कई चीजों को अर्पित करते हैं। बेलपत्र, भांग, धतूरा, आदि भोलेनाथ को अति प्रिय हैं।


शिवलिंग पर क्यों न चढ़ाएं नारियल

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पौराणिक कथाओं के अनुसार, शिवलिंग पर आप नारियल अर्पित कर सकते हैं, लेकिन कभी भी शिवलिंग पर नारियल के जल का अभिषेक नहीं करना चाहिए। दरअसल नारियल को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, जिनका संबंध भगवान व‌िष्‍णु से है और इसल‌िए श‌िव जी को यह नहीं चढ़ाया जाता है।

माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं और नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है और इसे माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसलिए इसका प्रयोग भगवान शिव की पूजा में नहीं होता है।


 

इन चीजों को शिव जी की पूजा में न करें शामिल

भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के एक असुर का वध किया था। वह भगवान व‌िष्‍णु का भक्त था। इस कारण से शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है और इसलिए विष्णु भगवान की तो पूजा शंख का उपयोग होता है लेकिन भगवान शिव की पूजा में शंख का उपयोग नहीं होता है। भगवान शिव की पूजा करते समय कुमकुम का उपयोग भी नहीं करना चाहिए। यह सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, लेकिन भगवान शिवजी का एक रूप वैरागी भी होता है। इसल‌िए श‌िव जी को कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए।

इसके अलावा तुलसी को भगवान शिव पर चढ़ाना बिलकुल मना है क्योंकि भगवान शिव की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करने से पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप भी माना जाता है इसलिए इसका उपयोग भगवान शिव की पूजा में नहीं करना चाहिए।


 

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